gillu class 10 question answer || Meher Sir


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gillu class 10 question answer || Meher Sir


Gillu Question Answers 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो-तीन वाक्यों में दीजिए:

(क) सोनजुही में लगी पीली कली को देखकर लेखिका के मन में कौन-से विचार उमड़ने लगे ? 

उत्तर : सोनजुही में लगी पीली कली को देखकर लेखिका को छोटे से गिल्लू का स्मरण हो आया, जो इस लता की हरियाली में छिप कर बैठ जाता था। लेखिका जब लता के निकट जाती तो वह उनके कंधे पर कुदकर उनको चौंका देता था। पहले लेखिका इस लता में कभी खो जाती थी, पर आज उनकी आँखें गिल्लू को खोजती थी।

(ख) गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया ?

उत्तर : लेखिका गिलहरी के घायल बच्चे को उठाकर अपने कमरे में ले आई। रुई से खून को पोछकर घावों पर पेंसिलिन का मलहम लगाया । रुई की पतली बत्ती को दूध में भिगोकर उसके मुंह मे लगाया गया । पर बच्चे ने मुँह नहीं खोला। कई घण्टों के उपचार के बाद उसके मुँह में पानी की एक बूंद डाली जा सकी। तीसरे दिन वह अच्छा हो गया।

(ग) लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था ?

उत्तर : लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू लेखिका के पैर तक आकर फुर्ती से परदे पर चढ़ जाता और फिर तेजी से उतरता । उसका यह उतरने चढने का सिलसिला तब तक चलता रहता जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए न उठती ।

(घ) गिल्लू का कार्य-कलाप कैसा था ?

उत्तर : गिल्लू लेखिका का ध्यान आकर्षण करने के लिए उन्हें खूब चौंकाता था । कभी लेखिका उसे पकड़कर एक लम्बे लिफाफे में इस प्रकार रख देती कि केवल उसका सिर और अगले दो पंजे ही बाहर रहते । इस स्थिति में भी वह घण्टों मेज पर दीवार के सहारे खड़ा रह कर उनके कार्यकलाप देखता रहता था। भूख लगने पर चिक-चिक करके बताता था । काजू या बिस्कुट दिए जाने पर लिफाफे में पड़ा पड़ा बाहर वाले पंजों से पकड़कर उन्हें कुतरता था ।

(ङ) लेखिका को क्यों ऐसा लगा कि गिल्लू को मुक्त करना आवश्यक है ?

उत्तर : जब गिल्लू का प्रथम बसंत आया तो बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक- चिक करके पता नहीं क्या कहती थी। गिल्लू भी जाली के पास बैठकर आत्मीयता से बाहर झाँकने लगा । वह शायद अपनी बिरादरी की गिलहरियों से मिलना चाहता था । लेखिका को लगा कि गिल्लू को मुक्त करना आवश्यक है।

(च) लेखिका की अस्वस्थता में गिल्लू क्या करता था ?

उत्तर : लेखिका जब अस्वस्थ होतीं तो गिल्लू तकिए पर सिरहाने बैठ जाता अपने छोटे-छोटे पंजों से लेखिका के सिर और बालों को धीरे -धीरे सहलाता था। वह जब हटता तो ऐसा लगता था जैसे कोई सेविका सेवा करती करती चली गई हो।

(छ) गरमी से बचने का कौन-सा उपाय गिल्लू ने खोज निकाला था ?

उत्तर : गरमी से बचने के लिए गिल्लू कमरे से बाहर नहीं जाता था । लेखिका के पास रखी हुई सुराही पर लेट जाता था । इस प्रकार वह लेखिका के पास भी रहता और ठंडक में भी रहता ।

(ज) गिल्लू की किन चेष्टाओं से लेखिका को लगा कि अब उसका अंत समय समीप है ?

उत्तर : गिल्लू ने दिनभर कुछ नहीं खाया और नहीं वह बाहर गया। रात को उसे भयंकर कष्ट होरहा था, फिर भी वह झूले से उतरकर लेखिका के पास आया और उसने उनकी बही अंगुली पकड़ी जिसे उसने बचपन में पहलीवार पकड़ा था। उसकी इन चेष्टाओं से लेखिका को लगा कि अब उसका अन्त समय समीप है ।

(झ) सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है ?

उत्तर : सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में यह विश्वास जनमता है। कि बसंत ऋतु के किसी दिन वह छोटा सा प्राणी जूही के पीले फूल के रूप में खिलेगा । 

(ञ) लेखिका को उस लघुप्राण गिल्लू की खोज क्यों थी ?

उत्तर : दो वर्षों में लेखिका को गिल्लू से बहुत लगाव हो गया था।

उसका चले जाना हृदय में वेदना उत्पन्न कर गया । लेखिका को विश्वास है कि वह सोनजुही की कली के रूप में प्रकट होगा । इसलिए उन्हें उस लघुप्राण गिल्लू की खोज थी ।


2.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक या दो वाक्यों में दीजिए:

(क) किसे देखकर लेखिका को गिल्लू का स्मरण हो आया ?

उत्तर : सोनजुही की लता में एक पीली कली को खिला हुआ देखकर लेखिका को गिल्लू का स्मरण हो आया । 


(ख) गिल्लू लेखिका को कैसे चौंका देता था ?

उत्तर : सोनजुही की लता में छिपकर बैठा हुआ गिल्लू लेखिका के निकट आने पर उनके कंधे पर चढ़कर उन्हें चौंका देता था ।

(ग) सोनजुही की स्वर्णिम कली को देखकर लेखिका को क्या लगा ?

उत्तर : सोनजुही की स्वर्णिम कली को देखकर लेखिका को लगा कि मिट्टी में मिला हुआ गिल्लू कली बनकर उन्हें चौंकाने ऊपर आ गया है।

(घ) कौवे को कब सम्मानित किया जाता है ?

उत्तर : कौवे को पितृपक्ष में किसी पित के श्राद्ध के दिन भोजन देकर सम्मानित किया जाता है।

 (ङ) लघुप्राण क्यों निश्चेष्ट-सा गमले में चिपटा पड़ा था ?

उत्तर : लघुप्राण दो कौवों की चोंच के दो घावों से निश्चेष्ट-सा गमले में चिपटा पड़ा था ? 

(च) भूख लगने पर गिल्लू क्या करता था ?

उत्तर : भूख लगने पर गिल्लू चिक-चिक की आवाज करके अपने भुखे होने की सूचना लेखिका को देता था ।

 (छ) गिल्लू का नित्य का क्रम कैसा था ?

उत्तर : लेखिका का ध्यान अपनी और आकर्षित करने के लिए गिल्लू लेखिका के पैरों के पास आकर, फिर तुरंत पर्दे पर चढजाता और फिर तेजी से उतरता था। यह उसका नित्य का क्रम था ।

(ज) लेखिका की अस्वस्थता के समय गिल्लू का हटना क्यों एक परिचारिका के हटनेके समान लगता था ?

उत्तर : लेखिका की अस्वस्थता के समय गिल्लू उनके सिरहाने बैठकर अपने छोटे-छोटे पंजों से उनके सिर और बालों को सहलाता था। उसका हटना एक परिचारिका के हटने के समान लगता था ।

(झ) गिल्लू की जीवन-यात्रा का अंत क्यों आ गया ?

उत्तर : गिलहरियों के जीवन की अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होती । अतः जब गिल्लू दो वर्ष का होगया तो एक दिन उसकी जीवन-यात्रा का भी अंत आगया ।

(ञ) कौन-से स्पर्श के साथ ही गिल्लू किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया ?

उत्तर : प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही गिल्लू किसी और जीवन में जागने के लिए सोगया ?


(ञ) कौन-से स्पर्श के साथ ही गिल्लू किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया ?

उत्तर: प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही गिल्लू किसी और जीवन में जागने के लिए सोगया ? 3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-एक शब्द में दीजिए :

(क) लघुप्राण किसे कहा गया है ? 

उत्तर : गिल्लू नामक गिलहरी को ।


(ख) दो कौवे कैसा खेल खेल रहे थे ?

उत्तर : छूआ-छुऔवल ।


(ग) गिल्लू के जीवन में प्रथम बसंत आने पर क्या प्रभाव पड़ा ?

उत्तर : गिल्लू के जीवन में प्रथम बसंत आने पर उसमें बाहर जाकर अन्य गिलहरियों से हिल-मिलने की चाह जगी । 


(घ) गिल्लू किसका नेता बनकर हर डाल पर उछलता कूदता रहता था ?

उत्तर: गिलहरियों के झुंड का नेता ।


(ङ) किसके पास बहुत- से पशु-पक्षी हैं ?

उत्तर: लेखिका के पास ।


(च) गिल्लू का प्रिय खाद्य कौन-सा था ?

उत्तर : काजू ।


(छ) लेखिका की अस्वस्थता में गिल्लू कहाँ बैठता था ?

उत्तर : लेखिका के तकिए पर सिरहाने ।


(ज) गिलहरियों के जीवन की अवधि कितने वर्ष से अधिक नहीं होती ? 

उत्तर : दो वर्ष ।


(झ) गिल्लू ने कैसी स्थिति में लेखिका की उँगली को पकड़ा था ?

उत्तर : मरणासन्न स्थिति ।


(ञ) गिल्लू को कहाँ समाधि दी गयी ?

उत्तर : सोनजुही की लता के नीचे ।


4. निम्नलिखित अवतरणों के अर्थ स्पष्ट कीजिए :

(क) तब मुझे कली की खोज रहती थी, पर आज उस लघुप्राण की खोज है।

उत्तर : गिल्लू के आने से पहले लेखिका सोनजुही की लता में खिली कलियाँ ढूँढती थी । दो वर्ष तक गिल्लू के साथ से लेखिका के मन में उसके प्रति स्नेह उत्पन्न हो गया था । उसका जाना हृदय को वेदना दे गया । उसे इसी लता के नीचे समाधि दी गई थी । इसलिए लेखिका को विश्वास था कि किसी दिन गिल्लू सोनजुही की कली के रूप में प्रकट होगा । इसी आशा से लेखिका उस लता में उस लघुप्राण को ढूँढती थी ।

(ख) यह काक भुशुण्डि भी विचित्र पक्षी है एक साथ समादरित, अनादरित, अति सम्मानित, अति अवमानित । 

उत्तर : यहाँ पर मनुष्य के कौवे के प्रति चिचित्र व्यवहार का उल्लेख किया गया है। हम कौवे का कभी तो आदर करते हैं और कभी उसका अपमान करते हैं। उसके काले रंग से हम उसका अपमान करते हैं। पर पितृपक्ष में उसी कौवे में अपने पितरों का रूप देखकर उसे भोजन कराते हैं। उसकी कर्कश काँव- काँव को हम अपमान के अर्थ में लेते हैं, पर उसकी काँव-काँव हमारे किसी दूर के प्रियजन के आने की खबर है, ऐसा भी हम मानते हैं ।


(ग) उसका हटना एक परिचारिका के हटनेके समान लगता ।

उत्तर : जब लेखिका बीमार हो जाती तो गिल्लू उनके सिरहाने तकिए पर बैठजाता। अपने छोटे-छोटे हाथों से धीरे-धीरे लेखिका के सिर और बालों को सहलाता था । उसके इस स्नेह और सेवा में लेखिका को एक परिचारिका की छवि नजर आती थी। जब वह चला जाता तो लेखिका को एक सेविका के हट जाने जैसा लगता था ।

(घ) प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया ।

उत्तर : यहाँ लेखिका ने गिल्लू की मृत्यु का आध्यात्मिक चित्रण किया है। रात भर कष्ट से तिलमिलाता गिल्लू सुबह होते ही सदा के लिए सो गया । लेखिका का मानना है कि गिल्लू का पुनर्जन्म होना था । इसलिए उसकी आत्मा इस शरीर को त्याग कर किसी दूसरे नए शरीर में प्रवेश कर गई। किसी दूसरे जीवन में जागने के लिए इस जीवन में सदा के लिए सो गया ।

(ङ) उस लघुगात का, किसी वासंती दिन, जूही के पीताभ छोटे फूल में खिल जाने का विश्वास, मुझे सन्तोष देता है ।

उत्तर : “बिल्लू चला गया है"- इस बात को लेखिका का मन स्वीकार करने को तैयार नहीं था । उसका न होना हृदय को दुःख देता था । उसे उसी सोनजुही लता के नीचे समाधि दी गई थी जहाँ उसके कण मिट्टी में मिल गए थे । लेखिका को विश्वास था कि वसन्त ऋतु में किसी दिन वह छोटा सा गिल्लू उसी लता में एक पीले फूल के रूप में खिलेगा । यह विश्वास उन्हें सन्तोष देता और उनकी मन की वेदना कम होती थी ।


5.रिक्त स्थानों को भरिए : 

(क) कौन जाने___________के बहाने वही मुझे चौंकाने ऊपर आ गया हो ।

(ख)__________ की गंध मेरे कमरे में हौले-हौले आने लगी ।

(ग) हमने उसकी__________संज्ञा को व्यक्तिवाचक का रूप दे दिया ।

(घ) जिसे उसने बचपन की___________स्थिति में पकड़ा था ।

(ङ)_______छोटे फूल में खिल जानेका विश्वास मुझे सन्तोष देता है ।

उत्तर : (क) स्वर्णिम कली (ख) नीम- चमेली (ग) जातिवाचक (घ) मरणासन्न (ङ) जुही के पीताभ 


6.। निम्नलिखित प्रश्नों के सही उत्तर दिये गये विकल्पों से दीजिए :

(क) दो कौवे कैसा खेल खेलरहे थे ? 

(i) दौड़ लगानेका (ii) छूआ- छुऔवल (iii) खाना खाने का (iv) गेंद

(ख) लेखिका के किस विवेचन में अचानक बाधा आ पड़ी ?

(i) शिव पुराण (ii) काक पुराण (iii) सूर्य पुराण (iv) नृसिंह पुराण 

(ग) लेखिका के कमरे में किसकी गंध हौले-हौले आने लगी ?

(i) सोनजुही (ii) बसंत (iii) नीम-चमेली (iv) गुलाब

(घ) गिल्लू का कौन-सा खाद्य प्रिय खाद्य था ?

(i) चावल (ii) बिस्कुट (iii) केला (iv) काजू

(ङ) गिलहरियों के जीवन की अवधि कितने वर्ष से अधिक नहीं होती ?

(i) एक (ii) दो (iii) तीन (iv) चार

उत्तर : (क) छुआ-छुऔवल (ख) काक पुराण (ग) नीम-चमेली (घ) काजू (ङ) दो ।



BHASA GYAN 


1. प्रस्तुत पाठ में आये हुए निम्नलिखित शब्दों पर ध्यान दीजिए :

स्वर्णिम, समादरित, अपनापन, लगाव, परिचारक, झूला ।

- ये शब्द कुछ प्रत्ययों के मेल से बने हैं जो इस प्रकार हैं-

स्वर्णिम= स्वर्ण + इम

अपनापन = अपना + पन

परिचारिक = परिचार + इक

समादरित = समादर + इत

लगाव = लगना + आव

झूला = झूलना + आ


इन शब्दों के अंत में लगनेवाले शब्दांश प्रत्यय हैं। जो शब्दांश धातु, क्रिया या शब्दों के अंत में लग कर नये शब्दों का निर्माण करते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं । प्रत्यय दो प्रकार के होते हैं - कृत् प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय । धातु या क्रिया के अंत में लगनेवाले प्रत्यय कृत् प्रत्यय कहे जाते हैं और उनके मेल से बने शब्द को कृदन्त पद कहा जाता है। संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण के बाद लगनेवाले प्रत्यय को तद्धित प्रत्यय और इनके मेल से बने शब्द को तद्धितान्त पद कहा जाता है ।

2. पाठ में आये इन शब्दों पर ध्यान दीजिए :


नीम चमेली, दोपहर, जीवन-यात्रा, मरणासन्न ।


- इन शब्दों को समास कहा जाता है। परस्पर संबंध रखनेवाले दो या दो से अधिक शब्दों के मेल को समास कहा जाता है।

जैसे नीम और चमेली - नीम चमेली

दो पहरों का समूह =  दोपहर

जीवन की यात्रा = जीवन-यात्रा

मरण को आसन्न (पहुँचा हुआ) - मरणासन्न

- ये शब्द क्रमशः द्वन्द्व समास, द्विगु समास एवं संबंध तत्पुरुष तथा कर्म तत्पुरुष समास के उदाहरण हैं।


3. किसी भी प्राणी, पदार्थ, स्थान, गुण आदि का बोध करानेवाले शब्द को संज्ञा कहा जाता है । इसके पांच भेद हैं :

(क) व्यक्तिवाचक संज्ञा         (ख) जातिवाचक संज्ञा             (ग) भाववाचक संज्ञा

(घ)समुदायवाचक संज्ञा                (ङ) द्रव्यवाचक संज्ञा


निम्न पंक्तियों में रेखांकित किये गये संज्ञा-शब्दों का भेद बताइए :

(क) सोनजूही की लता के नीचे गिल्लू को समाधि दी गयी है ।

(ख) गिलहरियों के जीवन की अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होती ।

(ग)  उनका मुझसे लगाव भी कम नहीं है ।

(घ) नीम चमेली की गंध मेरे कमरे में आने लगी ।

(ङ) दिनोंदिन सोने का भाव बढ़ता जा रहा है ।

(च) गिल्लू गिलहरियों के झुंड का नेता था ।


उत्तर :  सोनजुही - व्यक्तिवाचक संज्ञा

गिलहरियों - जातिवाचक संज्ञा

लगाव -  भाववाचक संज्ञा

सोने - द्रव्यवाचक संज्ञा

नीम - चमेली- व्यक्तिवाचक संज्ञा

झुंड - समुदायवाचक संज्ञा


4. कोष्ठक में दिये गये शब्दों की भाववाचक संज्ञाएँ बनाकर रिक्त स्थान भरिए :

(क) कभी किसी की___________ नहीं करनी चाहिए । (बुरा)

(ख) परिश्रम करने पर________ मिलती है । (सफल)

(ग)बुजुर्ग की _______  से हम मुग्ध हो गये । (सज्जन)

(घ) प्रत्येक मनुष्य को अपने________  का ध्यान रखना चाहिए। (स्वस्थ )


5. विशेषण के साथ सही संज्ञा शब्द को मिलाइए :

पीली- प्रियजन        नीले -  कली                चमकीली - रोएँ

सघन - आँखें        स्निग्ध – पूँछ                  पतली - काँच

झब्बेदार - बत्ती            मधु - स्वर                कर्कश -  सन्देश

 

उत्तर :  पीली -  कली            झब्बेदार - पूँछ             स्निग्ध - रोएँ            नीले - काँच

 दूरस्थ - प्रियजन                    पतली - बत्ती                 कर्कश - स्वर      मधु - सन्देश

 सघन - हरितिमा

चमकीली - आँखें


1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दो-तिन वाक्यों में दीजिए ।

(क) लेखिका ने काक पुराण का विवेचन किस प्रकार किया ?

उत्तर : लेखिका कहती है कि कौआ एक विचित्र प्राणी है- जिसका हम कभी तो आदर करते है और कभी अपमान करते हैं । पितृपक्ष में हम उसे भोजन कराते हैं। उसकी आवाज सुनकर दूर के रिश्तेदार के आने का अनुमान लगाते हैं। परन्तु उसकी कर्कश आवाज को हम अपमान के अर्थ में भी लेते हैं 

(ख) गिल्लू की सुन्दरता का वर्णन कीजिए ।

उत्तर : गिल्लू के चिकने रोएं, झब्बेदार पूँछ और चमकीली आँखें सबको विस्मित कर देती थीं। उसकी आँखें काँच के मोतियों की तरह चमकती भी । वह अपनी समझदारी और कार्यकलापों से सबको चकित कर देता था ।


 (ग) लेखिका जब कॉलेज चली जाती थी तो गिल्लू क्या करता था ?

उत्तर : लेखिका जब कॉलेज चली जाती थी तो गिल्लू खुली जाली से बाहर चला जाता था । वह दिनभर गिलहरियों के झुंड का नेता बना हर डाल पर उछलता कूदता रहता और ठीक चार बजे खिड़की से भीतर आकर अपने झूले में झूलने लगता था ।

(घ) गिल्लू लेखिका की थाली में कैसे खाता था ?

उत्तर : लेखिका जैसे ही खाने के कमरे में जाती गिल्लू दौड़कर वहाँ पहुँच जाता और उनकी थाली में बैठ जाना चाहता था । लेखिका ने बड़ी सुश्किल से उसे थाली के पास बैठना सिखाया। वहां बैठकर वह बड़ी सफाई से उनकी थाली से एक-एक चावल खाता था ।

(ङ) लेखिका जब अस्पताल में थी तो गिल्लू की क्या अवस्था थी ?

उत्तर : जैसे ही लेखिका के कमरे का दरवाजा खोला जाता गिल्लू अपने झूले से उतरकर दौड़ता । पर वहाँ लेखिका को न पाकर फिर झूले में जा बैठता । सब उसे काजू देता पर वह नहीं खाता था ।


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